ट्रस्ट का परिचय


  • संस्कृत ने सभी भारतीय भाषाओं के विकास और भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं । कोई भी भारतीय भाषा संस्कृत की सहायता के बिना पनप नहीं सकती ।
  • संस्कृत प्राचीन विज्ञान की सैद्धांतिक नींव भी प्रदान करती है, इसलिए भारत के सर्वांगीण विकास के लिए संस्कृत का संरक्षण और प्रचार आवश्यक हैं ।
  • वीजीजीएस – ट्रस्ट को भारत और विदेश में संस्कृत शिक्षण के विकास, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक ट्रस्ट के रूप में जून 2018 में स्थापित किया गया था ।
  • तीन बच्चों से शुरू हुई यात्रा, आज हिमालय की तरह खड़ी हैं । वीजीजीएस – ट्रस्ट न केवल संस्कृत बल्कि संस्कृति को भी बचाता हैं ।
  • वीजीजीएस – ट्रस्ट भगवद्गीता का ज्ञान, भारतीय शास्त्रों का अध्ययन, मूल्यशिक्षा और संस्कृत का शिक्षण प्रदान करता हैं ।
  • ट्रस्ट का मुख्यालय वडोदरा है, लेकिन ट्रस्ट का काम गुजरात राज्य में फैल रहा है, आज वैश्विक ज्ञानगंगा सेवा ट्रस्ट वडोदरा में तथा वडोदरा के बाहर भी कार्यरत होता हैं ।
  • संस्था के छात्र देश के कई छोटे -बड़े स्थानों पर जैसे कि डभोई, छोटाउदेपुर, बोडेली, पादरा, अमदावाद, सूरत, मुंबई यहाँ तक की ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में भी संस्कृत में अध्ययन कर रहे हैं ।
  • संस्था के माध्यम से बच्चों को संस्कृत शिक्षा ऑनलाइन भी प्रदान की जाती हैं । वैश्विक ज्ञानगंगा सेवा ट्रस्ट एक गैर सरकारी संगठन है जो भारतीय संस्कृति को संरक्षित करना चाहता हैं ।

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Vaishvik Gyanganga Seva Trust